हम सब अक्सर बड़ों की सब बातें उनकी सनक कह कर टाल देते हैं और उनके तजुर्बे की कद्र नहीं हम सब अक्सर बड़ों की सब बातें उनकी सनक कह कर टाल देते हैं और उनके तजुर्बे की कद्...
आशी और कुछ सुनती तो शायद उसके आँसू और हिचकियों से छुटकी समझ जाती कि उसकी दीदी रो रही है आशी और कुछ सुनती तो शायद उसके आँसू और हिचकियों से छुटकी समझ जाती कि उसकी दीदी रो...
यहीं डॉक्टर केशव ने ठान लिया था कि चुलबुल की ज़िन्दगी मैं अब वो रंग भरेगा बस अब तो जैस यहीं डॉक्टर केशव ने ठान लिया था कि चुलबुल की ज़िन्दगी मैं अब वो रंग भरेगा बस अब ...
ग की माँ की तीव्र हो रही आवाज़ अब धीरे धीरे मंदी होती जा रही है। ग की माँ की तीव्र हो रही आवाज़ अब धीरे धीरे मंदी होती जा रही है।
अर्णव (बेटा) मिलकर स्वादिष्ट डिनर बनाते हैं और मैं चटखारे लेकर खाती हूँ। अर्णव (बेटा) मिलकर स्वादिष्ट डिनर बनाते हैं और मैं चटखारे लेकर खाती हूँ।
मेरे साथ वो तमाम ख्वाब समेटके ले आया था मै। शोर-ओ-गुल मेँ सच्ची ज़ुबान के ज़ायके से अरसो बाद मिला। मेरे साथ वो तमाम ख्वाब समेटके ले आया था मै। शोर-ओ-गुल मेँ सच्ची ज़ुबान के ज़ायके स...